नासा और इसरो का संयुक्त सैटेलाइट :-
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ( भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ) और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के द्वारा संयुक्त रूप से एक कृत्रिम सैटेलाइट बनाया गया है | इस सैटेलाइट का नाम है निसार और निसार शब्द का मतलब है NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar | आपको बता दे कि इस उपग्रह को 30 जुलाई 2025 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV-F16 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा |

निसार उपग्रह अंतरिक्ष में जाकर क्या करेगा?
आखिर इस उपग्रह को अंतरिक्ष में क्यों भेजा जा रहा है? आपको बता दे कि इस उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने का बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है | यह उपग्रह अंतरिक्ष में रहकर भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और ज्वालामुखी जैसे प्राकृतिक आपदाओं का निगरानी करेगा और जब इस उपग्रह को लगेगा कि किसी स्थान पर भूकंप या फिर कोई प्राकृतिक आपदा आने वाला है तो यह पहले ही सूचित कर देगा | जिससे कि वहां के लोग सावधान हो जाएंगे और हो सकता है कि इस आपदाओं से निपटारा पाने की कोशिश भी की जाए |
प्राकृतिक आपदाओं के कारण होती थी क्षति और मौते :-
आपको बता दे की हर एक साल किसी न किसी स्थान पर कभी बाढ़ आ जाता था, तो कभी भूकंप आ जाता था, तो कहीं पर भूस्खलन हो जाता था, और किसी-किसी स्थान पर तो ज्वालामुखी भी फट जाते थे | जिसके कारण बहुत सारे लोगों की जान चली जाती थी और सामानों का भी बहुत क्षति होता था | जिसके कारण लोग बहुत ही ज्यादा परेशान थे लेकिन अब उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है |
निसार उपग्रह हो सकता है वरदान:-
निसार उपग्रह को वरदान से कम समझा नहीं जा सकता है | क्योंकि यह उपग्रह आने वाले प्राकृतिक आपदाओं को पहले ही अनुमान लगा लेगा | और भारतीय स्पेस एजेंसी और अमेरिका के स्पेस एजेंसी को सूचित कर देगा | जिससे आने वाले प्राकृतिक आपदाओं से लोग सावधान हो जाएंगे और इससे लोगों की जान भी बच पाएगी | इसके अलावा हो सकता है कि आने वाले समय में इन प्राकृतिक आपदाओं का निपटारा भी किया जाए |
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